गठिया या अर्थराइटिस जोड़ों के दर्द और जोड़ों के सूजन की बीमारी है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है, और खास बात यह है कि गलत खान पान, रहन सहन, लाइफस्टाइल होने की वजह से इसमें समस्याएं लगातार बढ़ती जाती हैं।
जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है, इसलिए इस रोग को गठिया भी कहते हैं। संधिशोथ सौ से भी अधिक प्रकार के होते हैं।
Arthritis Meaning in Hindi
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Arthritis: गठिया के मरीज को खान-पान में विशेष रुप से परहेज करना चाहिए।
सामान्यतः आर्थराइटिस (Arthritis) को बुढ़ापे मे होने वाली बीमारी माना जाता है। लेकिन यह दिक्कत 1 साल के बच्चे से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक, किसी को भी अपनी चपेट में आसानी से ले सकती है।
यानी इसे उम्र से बांधकर नहीं देखा जा सकता…
आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को चलने फिरने और उठने बैठने में तेज दर्द सहन करना पड़ता है।
बोलचाल की भाषा में आर्थराइटिस (Arthritis) को गठिया और जोड़ों का दर्द भी कहते हैं। यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में उस जगह पर हो सकता है, जहां दो हड्डियां आपस में जुड़ रही हों।
आर्थराइटिस का दर्द उंगली के जोड़ से लेकर घुटने तक किसी भी संधि में हो सकता है…
इसीलिए इसे हम जोड़ों का दर्द या जॉइंट पेन भी कहते हैं।
इन कारणों से होता है आर्थराइटिस
-आमतौर पर एक्सर्साइज की कमी यह नियमित रूप से एक्सरसाइज या व्यायाम ना करना।
-शारीरिक श्रम ना करना
-रोज घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना, जैसे आमतौर पर ऑफिस जॉब या कुर्सी में बैठने वाले जॉब व्यवसाय इत्यादि।
-मीठे पेय पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना
-धूम्रपान और नशा करना, जैसे तंबाकू सिगरेट या शराब का सेवन करना।
-बहुत अधिक मोटापे के कारण, जैसे अधिक मोटापे के कारण अत्यधिक वजन शरीर के जोड़ों पर पड़ना। इससे जोड़ लगातार कमजोर होते रहते हैं।
-जॉइंट या शरीर के जोड़ों के सॉफ्ट टिश्यूज में गहरी चोट, जिसका समय पर इलाज ना कराया गया हो।
नहीं खानी चाहिए ये चीजें
-आमतौर पर माना जाता है कि गठिया के रोगियों को खट्टे फल और खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे दही, छाछ इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर देखा जाए तो खट्टे फल या खट्टे खाद्य पदार्थ शरीर में तेजाब की मात्रा यानी एसिडिटी को बढ़ाते हैं।
-हालांकि इस बात को लेकर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय देखने को मिलती है।
यहां हम कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बात करेंगे, जिन्हें खाने से गठिया की समस्या और अधिक बढ़ सकती है…
बहुत अधिक शुगर का सेवन
– जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या हो उन्हें बहुत अधिक शुगर का उपयोग नहीं करना चाहिए।
फिर चाहे शुगर लिक्विड फॉर्म में हो या किसी स्वीट डिश यानी मिठाई के रूप में। जैसे कि फ्रूट जूस या अत्यधिक कोल्ड ड्रिंक का सेवन नहीं करना चाहिए।
-शुगर से भरपूर चीजें खाने से शरीर में सूजन की समस्या बढ़ सकती है, जो आर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाने का काम करेगी।
इसलिए चॉकलेट्स, कैंडी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए।
डेयरी प्रॉडक्ट्स भी करते हैं नुकसान
– डेयरी प्रॉडक्ट्स हमारे लिए लाभकारी होते हैं। क्योंकि इनसे हमें बड़ी मात्रा में प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
लेकिन डेयरी प्रॉडक्ट्स में प्रोटीन का कुछ ऐसा भाग भी होता है, जो आर्थराइटिस की समस्या को बढ़ा देता है।
-कई ऑर्थोपेडिक रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि डेयरी प्रॉडक्ट्स के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों में अक्सर समस्या बढ़ जाती है।
ऐसे में उन्हें सुझाव दिया जाता है कि वे दूध, दही, छाछ और अंडे जैसी हाई प्रोटीन चीजों का सेवन कम करें।
नमक से भी होती है समस्या
-खाने में तो नमक खाया ही जाता है। लेकिन इसमें भी आप काला नमक या पिंक सॉल्ट का उपयोग करेंगे तो आपको अधिक लाभ होगा।
क्योंकि यह दोनों तरह के नमक प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त होते हैं। जबकि अगर देखा जाए तो सफेद नमक कृत्रिम रूप से बनाया जाता है।
-बेहतर होगा कि आप फास्ट फूड से एकदम दूरी बना लें। क्योंकि फास्ट फूड्स में आमतौर पर नमक की मात्रा और चिकनाई यानी फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है।
जो ना केवल आर्थराइटिस की समस्या को बढ़ाती है बल्कि हमारे रुटीन हेल्थ को भी नुकसान पहुंचाती है। जैसे, बीपी हाई होना, यूरिन अधिक आना।
सैचुरेटेड फैट से बचें
-आर्थराइटिस के मरीजों को मैदा और बटर का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनके सेवन से शरीर में सूजन बढ़ने की दिक्कत हो सकती है।
-इसलिए खासतौर पर फास्ट फूड जैसे पिज्जा, बर्गर, चीज, पाव आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनमें मैदा भी होती है और इन्हें तैयार करने में बटर का उपयोग भी किया जाता है।
ये दोनों ही आर्थराइटिस के मरीजों के लिए धीमे जहर की तरह काम करते हैं।
नशा और धुआं
-वैसे तो नशा करना और स्मोकिंग करना हर किसी की सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
लेकिन अगर किसी को आर्थराइटिस की समस्या हो तो उसे इन दोनों ही चीजों से बहुत दूरी बना लेनी चाहिए।
-जिन लोगों को आर्थराइटिस की समस्या होती है, उन्हें एल्कोहॉल के सेवन से अधिक दर्द झेलना पड़ सकता है।
क्योंकि एल्कोहल से उन्हें Gout की समस्या हो सकती है। यह भी आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है, जो सामान्य से अधिक दर्दभरा होता है।
ग्लूटन के कारण दर्द
-आर्थराइटिस के कुछ मरीजों में ग्लूटन से एलर्जी होने की समस्या भी देखने को मिलती है। अगर किसी को ऐसी समस्या हो तो उन्हें गेहूं की रोटी, ब्रेड जैसी चीजें खाने से बचना चाहिए।
ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो कि गेहूं के आटे में पाया जाता है, इसकी जगह अपने डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दूसरे आटे और फूट्स का उपयोग करना चाहिए।
फ्रैंच फ्राइज
-डीप फ्राइड चीजें और खासतौर पर फ्रैंच फ्राइज के सेवन से आर्थराइटिस के मरीजों को दूर रहना चाहिए।
क्योंकि ये वेजिटेबल ऑइल में तैयार किए जाते हैं, जिनमें हाइड्रोजेनेटेड फैट अधिक मात्रा में होता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।
– साथ ही ये कार्बोहाइड्रेट और सोडियम से रिच होते हैं। ये सभी चीजें मिलकर शरीर में सूजन बढ़ाने का काम करती हैं। इनसे जोड़ों में दर्द की समस्या अधिक हो सकती है।
ठंडी चीजें बढ़ा सकती हैं दर्द
-आमतौर पर बुखार या कफ-कोल्ड में भी ठंडी चीजों का सेवन करने से शरीर में दर्द बढ़ जाता है।
अगर आर्थराइटिस के मरीज बहुत ठंडा पानी पीते हैं या आइसक्रीम और दूसरी ठंडी चीजों का सेवन करते हैं तो उन्हें इनके कारण भी अधिक दर्द की समस्या हो सकती है।